On-Page-SEO In Hindi 2023

On-page-seo


On-Page-SEOअगर आप SEO  में Beginner है या SEO  सिख रहे है  तो आप को 

 पता होना चाहिए की  On-Page-SEO क्या है। क्यों करते है और On-Page-SEO  जरुरी क्यों है अगर  आप On-Page के बारे में नहीं जानते है तो  इस Post में मैंने On-Page-SEOके बारे में Zero से Advance On-Page-SEO  के बारे में लिखा है  आप इस Point को पढ़ने के बाद  अपने website पर  करेंगे तो  आप की Website Search Engine में  जरूर Rank करेगा तो चलिए हम बिलकुल Basic  से Advance तक On-Page-SEO के बारे जानते  है।

On-Page-SEO क्या है 

ऑन-पेज एसईओ (On-Page SEO) क्या है? इसमें हम वेबसाइट की पृष्ठ या सामग्री को बेहतर बनाने के तरीकों के बारे में बात करेंगे जिससे आपकी वेबसाइट को अधिक खोजने में मदद मिलती है। यह आपके वेबसाइट को सर्च इंजन रैंकिंग में उच्चतम स्थान प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

अगर आप अभी भी नहीं समझे की On-Page-SEO क्या है तो सबसे पहले आप को समझना होगा की SEOक्या है 

SEOएक process है किसी भी website को Optimize करने केलिए ताकि हमारी Website Search Engine में Rank कर सके इसी तरह SEO के  Three types होते है इस post हम समझ रहे है On-Page-SEOके बारे में जानते है अगर आप अभी तक नहीं समझे की On-Page क्या है तो अब समझे वो काम जो हम  खुद की Website पर काम करते है नाकि दूसरे की Website पर Use हम On-Page-SEO कहते है। 


 On-page-SEO  क्यों जरुरी है 

अभी तक आपने पढ़ा है उसमे जाना  की SEO क्या  होता है अब जानते है की क्यों जरुरी है अगर आप  SEO करते है और On-Page-SEO नहीं करेंगे तो आप की Website सर्च Search Engine में Rank नहीं करेगा अगर आप अपना पोस्ट Rank कराना चाहते है तो आप को On-Page-SEO करना होगा अब तो आप जान ही गए की On-Page कितना जरुरी है। 


On-Page-SEO कैसे करे.

किसी भी काम को करने से पहले पता होना चाहिए उस काम को कैसे करा जाता है जिस से हम उस काम को सही  करपाते है इसी तरह On-Page-SEO के बारे  पता होना चाहिए ताकि हम On-Page-SEO कर पाए ,कभी-कभी बहुत को पता होता है On-Page पर कर नहीं पाते है इसीलिए आज हम सीखेंगे की On-Page-SEO कैसे करते है। 

On-Page-SEO Important Factors

यहां On-Page-SEO के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को समझाया गया है:



आपके पृष्ठ के शीर्षक में उस विषय या कीवर्ड का उपयोग करें जिससे लोगों को समझ में आ सके और सर्च इंजन को भी समझने में मदद मिले। शीर्षक को 50 - 60  अक्षरों के बीच में रखने का प्रयास करें।

टाइटल टैग (Title Tag)  यह एक HTML एलिमेंट होता है जो वेब ब्राउज़र और सर्च इंजन को बताता है कि यह post /page  किस के बारे में है ,टाइटल टैग वेब पृष्ठ के (SEO) के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सर्च इंजन में अच्छी रैंकिंग प्राप्त करने में मदद करता है और User को आपकी पृष्ठ की विषय-वस्तु के बारे में समझने में मदद करता है।

मेटा विवरण (Meta Description): 

आपके पृष्ठ का विवरण लिखें, जो आपके सामग्री को समझाए और उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करे। यह विवरण आमतौर पर 150-160 अक्षरों का होता है और सर्च इंजन रिजल्ट्स में दिखाई देता है।
मेटा विवरण (Meta Description) एक HTML एलिमेंट होता है जो Web Page  के टाइटल टैग के बाद दिखाई देता है। यह एक छोटा वाक्यांश होता है जो बताता है कि पृष्ठ पर क्या सामग्री है और उस पृष्ठ की विषय-वस्तु को संक्षेप में समझाता है। यह सर्च इंजन और उपयोगकर्ता दोनों के लिए महत्वपूर्ण होता है।

उदाहरण:
HTML में  Metadescription देखने के लिए:


<head>

    <title>यहाँ पृष्ठ का शीर्षक होगा</title>
    <meta name="description" content="यहाँ Post  के विषय को संक्षेप में बताने के लिए मेटा विवरण है। यह वेबसाइट के लिए SEO  और उपयोगकर्ता समझदारी के टिप्स प्रदान करता है।">

</head>

वेब ब्राउज़र में दिखने वाला मेटा विवरण:
यहाँ Post  के विषय को संक्षेप में बताने के लिए मेटा विवरण है। यह वेबसाइट के लिए SEO  और उपयोगकर्ता समझदारी के टिप्स प्रदान करता है।

ध्यान देने योग्य बातें:

मेटा विवरण का लंबाई सीमित होती है, इसे आमतौर पर 150-160 अक्षरों के बीच रखना उचित होता है।

अपनी मुख्य कीवर्ड को मेटा विवरण में शामिल करना उचित होता है, इससे उपयोगकर्ता को आपके पृष्ठ के संबंधितता का अंदाज़ा होता है।

मेटा विवरण में अपनी सामग्री को रिक्त स्थान न दें, बल्कि संक्षेप में अच्छे शब्दों में बताएं कि पृष्ठ पर क्या मिलेगा।

मेटा विवरण को विभिन्न पृष्ठों पर अलग-अलग और संबंधित समझदारी से भरना उचित होता है।

मेटा विवरण के द्वारा आप अपने पृष्ठ की विषय-वस्तु को संक्षेप में बता सकते हैं, जिससे उपयोगकर्ता को समझने में आसानी होती है और आपके पृष्ठ की रैंकिंग में सुधार हो सकता है।



URL संरचना: 

संभव हो तो वेब पेज के URL को साफ़ और संक्षेप में रखें। यह उपयोगकर्ताओं और सर्च इंजन को पेज के सामग्री के बारे में बताता है।
उचित URL संरचना User और Search Engine  दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। यह User  को आपकी वेबसाइट की संरचना को समझने और उसमें आसानी से नेविगेट करने में मदद करती है, जो उनके अनुभव को सुविधाजनक बनाता है। साथ ही, सर्च इंजन भी यूआरएल संरचना को वेबसाइट की रैंकिंग में महत्वपूर्ण तत्व मानते हैं।

यहां कुछ URL संरचना के महत्वपूर्ण बिंदुएं हैं:

सरलता: यूआरएल को सरल रखें और अत्यधिक लंबाई से बचें। यूजर्स को आपकी वेबसाइट के page तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलती है।

गलत उदाहरण: www.example.com/department/category/subcategory/product/123

उचित उदाहरण: www.example.com/product/1234

कीवर्ड इस्तेमाल करें: यूआरएल में मुख्य कीवर्ड का इस्तेमाल करने से सर्च इंजन को पता चलता है कि वेब पेज  का विषय क्या है।
गलत उदाहरण: www.example.com/p=1234

उचित उदाहरण: www.example.com/buy-laptop

विधि भाषा: यूआरएल में सार्वजनिक भाषा का उपयोग करें जिससे यूजर्स और सर्च इंजन दोनों को आसानी से समझ मिले।
गलत उदाहरण: www.example.com/2199?category_id=456&lang=hi

उचित उदाहरण: www.example.com/laptop

यूआरएल का संबंधितता: यूआरएल को पृष्ठ के सामग्री से संबंधित रखें। उपयोगकर्ता को समझने में और रैंकिंग में फायदा होगा।
गलत उदाहरण: www.example.com/product/1234

उचित उदाहरण: www.example.com/laptop/dell-inspiron-15-inch


हैडिंग टैग (Heading Tags): अपनी सामग्री को विभाजित करने के लिए हैडिंग टैग (H1, H2, H3 आदि) का उपयोग करें। इससे सामग्री सुर्खित होती है और सर्च इंजन को भी समझने में मदद मिलती है।

 (Heading Tags) Webpage में शीर्षक या हेडिंग को दर्शाने के लिए उपयोग होते हैं। ये एचटीएमएल (HTML) एलिमेंट होते हैं और h1 से h6 तक के अलग-अलग स्तरों पर होते हैं, जिन्हें हेडिंग के माध्यम से अलग रंग और आकार में प्रदर्शित किया जाता है। हेडिंग टैग का उपयोग पृष्ठ की संरचना को समझने में मदद करता है और उपयोगकर्ता को सामग्री की हीरार्कियल व्यवस्था समझने में सहायक होता है।
ये हैडिंग टैग के स्तर और उनके उदाहरण:

h1 टैग:
यह पेज का मुख्य शीर्षक होता है और एक पृष्ठ पर केवल एक ही h1 टैग होना चाहिए। इसमें पृष्ठ के प्रमुख विषय को बताना चाहिए।
उदाहरण: <h1>आपका वेबसाइट का नाम</h1>

h2 टैग:
यह उपशीर्षक होता है और मुख्य शीर्षक के बाद उपयोग होता है। इसमें विषय की एक विस्तृत जानकारी दी जाती है।
उदाहरण: <h2>विषय का एक उपशीर्षक</h2>

h3 टैग:

यह सबशीर्षक होता है और h2 टैग के बाद उपयोग होता है। इसमें विषय की और विस्तृत जानकारी दी जाती है।
उदाहरण: <h3>विषय का सबशीर्षक</h3>

h4, h5, और h6 टैग:

ये भी सबशीर्षक होते हैं और h3 टैग के बाद उपयोग होते हैं। इनमें विषय के अधीनस्थ उपविषयों की जानकारी दी जाती है।
उदाहरण: <h4>विषय का सबशीर्षक के नीचे एक उपशीर्षक</h4>

ध्यान देने योग्य बातें:

हर पृष्ठ में एक ही h1 टैग होना चाहिए, जो पृष्ठ के मुख्य विषय को बताए।
हेडिंग टैग की हीरार्कियल व्यवस्था को लागू करने के लिए h2, h3, h4, h5, और h6 टैग का उपयोग करें।
हेडिंग टै

कंटेंट की गुणवत्ता (Content Quality): उच्च गुणवत्ता की सामग्री बनाएं, जो विशेषज्ञता, उपयोगिता, और उपयोगकर्ताओं को समझाने में सहायक हो।


कीवर्ड उपयोग (Keyword Usage): समझदारी से अपने लक्ष्यित कीवर्ड का उपयोग करें। यह कीवर्ड सम्बंधित होने चाहिए और सामग्री में प्राकृतिक ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए।


इमेज और वीडियो का ऑप्टिमाइजेशन: अपने इमेजेज और वीडियो को वेब पेज में सही तरीके से ऑप्टिमाइज करें, जैसे कि फ़ाइल आकार को कम करना, अल्ट टेक्स्ट जोड़ना आदि।

इंटरनल लिंकिंग (Internal Linking): अपने पृष्ठों को एक दूसरे से जुड़ने के लिए इंटरनल लिंकिंग का प्रयास करें। इससे रैंकिंग Improve होता है। 

उदाहरण: अन्य संबंधित वेबसाइटों के साथ आपकी वेबसाइट का संबंध होना चाहिए ताकि उपयोगकर्ताएं आपके सामग्री तक पहुंच सकें और सर्च इंजन को भी आपकी वेबसाइट की योग्यता का पता चले।

वेबसाइट के लिए वेब पेज की गतिविधि (Website Page Speed): वेब पेज की गतिविधि महत्वपूर्ण हिस्सा है। अपनी वेबसाइट को तेज़ बनाएं क्योंकि यह उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक आकर्षक होती है और सर्च इंजन रैंकिंग को भी प्रभावित कर सकती है।


मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट (Mobile-Friendly Website): आजकल बहुत से उपयोगकर्ता मोबाइल डिवाइस का उपयोग करते हैं, इसलिए आपकी वेबसाइट को मोबाइल-फ्रेंडली बनाएं ताकि यूजर्स उसे सही रूप से देख सकें।


अनुकूल यूआरएल नाम (SEO-Friendly URLs): अपनी वेब पेजों के यूआरएल को उपयोगकर्ता और सर्च इंजन के लिए सरल और समझने में आसान बनाएं। यूआरएल में खास कैरेक्टर या नंबर का उपयोग कम करें।


कैचिंग और कंप्रेशन (Caching and Compression): कैचिंग का उपयोग करके वेबसाइट की स्पीड को बढ़ाएं और यूजर्स को बेहतर अनुभव दें। इसके साथ ही, वेबसाइट फ़ाइलों को कंप्रेस करके उनका आकार कम करें जिससे लोडिंग समय कम हो।


सोशल मीडिया शेयरिंग (Social Media Sharing): अपनी सामग्री को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर शेयर करें ताकि अधिक लोगों तक वह पहुंचे और आपके साइट का प्रमोशन हो।


आपदा रिकवरी योजना (Disaster Recovery Plan): अपनी वेबसाइट के लिए आपदा रिकवरी योजना बनाएं ताकि आवश्यकता पड़ने पर डेटा को सुरक्षित रखा जा सके और साइट का असंचार होने से बचा जा सके।


प्रस्तुति और बाउंस रेट (Presentation and Bounce Rate): अपनी सामग्री को सुंदर और आकर्षक बनाएं जिससे यूजर्स को रुचि हो और वे आपकी वेबसाइट पर ज्यादा समय बिताएं। इससे आपकी वेबसाइट का बाउंस रेट भी कम होगा।


अच्छी डिज़ाइन और उपयोगकर्ता अनुभव (Good Design and User Experience): अपनी वेबसाइट को आकर्षक और उपयोगकर्ता मित्रवत बनाएं। अच्छी डिज़ाइन के साथ सुंदर ग्राफ़िक्स, फ़ॉन्ट्स, और उपयोगकर्ता अनुभव को सुधारने का प्रयास करें।


SSL सर्टिफ़िकेट (SSL Certificate): अपनी वेबसाइट पर SSL सर्टिफ़िकेट का उपयोग करें ताकि विजिटर्स की गोपनीयता की सुरक्षा हो और सर्च इंजन भी आपकी साइट को अधिक पसंद करें।


कैटेगरी और टैग्स (Categories and Tags): अपनी सामग्री को समूह और टैग के माध्यम से व्यवस्थित करें। यह सामग्री और नेविगेशन को सुधारता है और सर्च इंजन भी आपके पृष्ठों को अच्छे से समझ पाते हैं।


समय-संबंधी सामग्री (Evergreen Content): ऐसी सामग्री बनाएं जो समय-संबंधी न हो और लंबे समय तक उपयोगी रहे। इससे आपकी वेबसाइट के ट्रैफ़िक लंबे समय तक बना रहेगा।


वेबसाइट का संरचना (Website Structure): वेबसाइट को अच्छे से संरचित करें ताकि उपयोगकर्ताओं को वेबसाइट नेविगेशन में परेशानी न हो और सर्च इंजन को साइट को समझने में आसानी हो।


बाउंस रेट (Bounce Rate) कम करें: अपनी साइट के बाउंस रेट को कम करने के लिए सुनिश्चित करें कि आपकी सामग्री उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करती है और उन्हें एक और पृष्ठ पर जाने के लिए प्रोत्साहित करती है।


टेक्स्ट फॉरमेटिंग (Text Formatting): अपनी सामग्री को सही तरीके से फॉर्मेट करें जैसे कि बोल्ड, इटैलिक्स, अंदाज़ी शीर्षक, नुक्तेदार सूची आदि। यह सामग्री को और भी अधिक पठनीय बनाता है।


रोबोट्स टेक्स्ट फ़ाइल (Robots.txt File): अपनी वेबसाइट के रोबोट्स टेक्स्ट फ़ाइल को सही ढंग से कॉन्फ़िगर करें ताकि सर्च इंजन क्रावलर्स आपकी साइट को समझें और अनुरोधित जानकारी न इंडेक्स करें।


प्रतिक्रिया और समीक्षा (Feedback and Reviews): अपनी वेबसाइट पर प्रतिक्रिया और समीक्षा विकल्प को जोड़ें ताकि उपयोगकर्ताओं के विचार और सुझाव मिल सकें, जो आपकी साइट को Search  Engine  में Rank  में बहुत Important है। 





 

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